कम्प्यूटर बेसिक ज्ञान - Basic Computer Knowledge
कम्प्यूटर बेसिक ज्ञान (Basic Computer Knowledge) जो की समय के हिसाब से बहुत जरूरी है, इस पोस्ट में हम आपके लिये बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये हैं कंप्यूटर के बारे में यहां आपको कम्प्यूटर(Computer) क्या है ? Personal Computer क्या है ? सॉफ्टवेयर(Software) क्या है ? Application Software क्या है ? जैसे कई Basic Computer knowledge मिलने वाली है यह जानकारी आपके बहुत जरूरी है!
कंप्यूटर का परिचय (Introduction of Computer)
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो किसी भी कम को कम समय में और ज्यदा से ज्यदा कर सकता है, कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "गणना", करना होता है इसीलिए इसे संगणक भी कहा जाता है, इसका अविष्कार Calculation करने के लिये हुआ था, पुराने समय में Computer का use केवल Calculation करने के लिये किया जाता था, किन्तु आज के समय में इसका use डाक्यूमेन्ट बनाने, Expenditure maintain, E-mail, listening and viewing audio and video, play games, database preparation के साथ-साथ और कई कामों में किया जा रहा है, जैसे : सरकारी दफ्तरों में, बैकों में, शैक्षणिक संस्थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों में, Computer का उपयोग बहुतायत रूप से किया जा रहा है
कंप्यूटर को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिये Software और Hardware दोनों की आवश्यकता होती है। अगर सीधी भाषा में कहा जाये तो यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। बिना Hardware के Software बेकार है और बिना Software के Hardware बेकार है। मतलब कंप्यूटर Software के द्वारा Hardware को कमांड दिया जाता है कंप्यूटर में सीपीयू से कई प्रकार के हार्डवेयर जुडे रहते हैं, इन सब के बीच तालमेल बनाकर कंप्यूटर को ठीक प्रकार से चलाने का काम करता है System Software यानि Operating System।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म (Full Form of Computer)
- C - Comman
- O - Operating
- M - Machine
- P - Particular
- U - User
- T - Technical
- E - Education
- R - Research
कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जिसका प्रयोग आमतौर पर तकनीकी और शैक्षणिक अनुसंधान के लिए किया जाता है
कम्प्यूटर का जनक कौन है
कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है, चार्ल्स बैबेज जन्म लंदन में हुआ था वहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है तो अंग्रेजी से ही कोई शब्द क्यों नहीं लिया गया इसकी वजह यह है कि जो अंग्रेजी भाषा है उसके तकनीकी शब्द खासतौर पर प्राचीन ग्रीक भाषा और लैटिन भाषा पर आधारित है इसलिए कंप्यूटर शब्द के लिए यानी एक ऐसी मशीन के लिए जो गणना करती है उसके लिए लैटिन भाषा के शब्द कंप्यूट (Comput) को लिया गया|
कंप्यूटर की विशेषता (Characteristics of Computer)
- कंप्यूटर की पहली विशेषता गति (Speed) -
जहां एक आपको एक छोटी सी Calculation करने में समय लगता है वहीं Computer बडी से बडी Calculation
सेेकेण्ड से भी कम समय में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्यूटर की गति को हर्ट्ज में
मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स, प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स,
प्रति नेनोसेकंड्स ईत्यादी में आंकी जाती है
जहां एक आपको एक छोटी सी Calculation करने में समय लगता है वहीं Computer बडी से बडी Calculation
सेेकेण्ड से भी कम समय में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्यूटर की गति को हर्ट्ज में
मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स, प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स,
प्रति नेनोसेकंड्स ईत्यादी में आंकी जाती है
सेेकेण्ड से भी कम समय में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्यूटर की गति को हर्ट्ज में
मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स, प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स,
प्रति नेनोसेकंड्स ईत्यादी में आंकी जाती है
-
कंप्यूटर की दूसरी विशेषता सटीकता (Accuracy) -
त्रुटि रहित कार्य करना यानि पूरी सटीकता (Accuracy) के साथ किसी भ्ाी काम का पूरा करना कंप्यूटर की दूसरी
विशेषता है, कंप्यूटर द्वारा कभी कोई गलती नहीं की जाती है, कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम देता है, क्योंकि
कंप्यूटर तो हमारे द्वारा बनाये गए प्रोग्राम द्वारा निर्दिष्ट निर्देश का पालन करके ही किसी कार्य को अंजाम देता है,
कंप्यूटर द्वारा दिया गया परिणाम गलत दिया जा रहा है तो उसके प्रोग्राम में कोई गलती हो सकती है जो मानव
द्वारा तैयार किये जाते हैं
त्रुटि रहित कार्य करना यानि पूरी सटीकता (Accuracy) के साथ किसी भ्ाी काम का पूरा करना कंप्यूटर की दूसरी
विशेषता है, कंप्यूटर द्वारा कभी कोई गलती नहीं की जाती है, कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम देता है, क्योंकि
कंप्यूटर तो हमारे द्वारा बनाये गए प्रोग्राम द्वारा निर्दिष्ट निर्देश का पालन करके ही किसी कार्य को अंजाम देता है,
कंप्यूटर द्वारा दिया गया परिणाम गलत दिया जा रहा है तो उसके प्रोग्राम में कोई गलती हो सकती है जो मानव
द्वारा तैयार किये जाते हैं
विशेषता है, कंप्यूटर द्वारा कभी कोई गलती नहीं की जाती है, कंप्यूटर हमेशा सही परिणाम देता है, क्योंकि
कंप्यूटर तो हमारे द्वारा बनाये गए प्रोग्राम द्वारा निर्दिष्ट निर्देश का पालन करके ही किसी कार्य को अंजाम देता है,
कंप्यूटर द्वारा दिया गया परिणाम गलत दिया जा रहा है तो उसके प्रोग्राम में कोई गलती हो सकती है जो मानव
द्वारा तैयार किये जाते हैं
-
कंप्यूटर की तीसरी विशेषता स्वचलित (Automation) -
कंप्यूटर को एक बाद निर्देश देने पर जब तक कि कार्य पूरा नहीं हो जाता है वह स्वचलित (Automation) रूप से
बिना रूके कार्य करता रहता है उदाहरण के लिये जब Computer से Printer को 100 पेज प्रिंट करने की कंमाड
दें तो पूरे 100 पेज प्रिंट करने बाद ही रूकेगा, इन सभ्ाी कार्यो को करने के लिये कंप्यूटर को निर्देश मिलते हैं
वह उन्हीं के आधार पर उनको पूरा करता है यह निर्देश कंप्यूटर को प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर के द्वारा मिलते हैं हर
काम काे करने के लिये अगल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर होता है
कंप्यूटर को एक बाद निर्देश देने पर जब तक कि कार्य पूरा नहीं हो जाता है वह स्वचलित (Automation) रूप से
बिना रूके कार्य करता रहता है उदाहरण के लिये जब Computer से Printer को 100 पेज प्रिंट करने की कंमाड
दें तो पूरे 100 पेज प्रिंट करने बाद ही रूकेगा, इन सभ्ाी कार्यो को करने के लिये कंप्यूटर को निर्देश मिलते हैं
वह उन्हीं के आधार पर उनको पूरा करता है यह निर्देश कंप्यूटर को प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर के द्वारा मिलते हैं हर
काम काे करने के लिये अगल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर होता है
बिना रूके कार्य करता रहता है उदाहरण के लिये जब Computer से Printer को 100 पेज प्रिंट करने की कंमाड
दें तो पूरे 100 पेज प्रिंट करने बाद ही रूकेगा, इन सभ्ाी कार्यो को करने के लिये कंप्यूटर को निर्देश मिलते हैं
वह उन्हीं के आधार पर उनको पूरा करता है यह निर्देश कंप्यूटर को प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर के द्वारा मिलते हैं हर
काम काे करने के लिये अगल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर होता है
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कंप्यूटर की चौथी विशेषता स्थायी भंडारण क्षमता (permanent Storage) :
कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि
कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्राॅनिक तरीके से संग्रहित की जाती है, अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना कम
रहती है।
कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि
कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्राॅनिक तरीके से संग्रहित की जाती है, अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना कम
रहती है।
कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्राॅनिक तरीके से संग्रहित की जाती है, अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना कम
रहती है।
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कंप्यूटर की पांंचवीं विशेषता विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity) :
कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा आंतरिक (internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक
टेप,सीडी राॅम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है । कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती
सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा आंतरिक (internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक
टेप,सीडी राॅम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है । कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती
सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
टेप,सीडी राॅम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है । कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती
सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।
-
कंप्यूटर की छटवीं विशेषता भंडारित सूचना को तीव्रगति से प्राप्त करना(Fast Retrieval):
कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही सेकेण्ड में भंडारित सूचना में से आवश्यक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।
रेम (RAM- Random Access Memory) के प्रयोग से वह काम और भी सरल हो गया है।
कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही सेकेण्ड में भंडारित सूचना में से आवश्यक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।
रेम (RAM- Random Access Memory) के प्रयोग से वह काम और भी सरल हो गया है।
रेम (RAM- Random Access Memory) के प्रयोग से वह काम और भी सरल हो गया है।
-
कंप्यूटर की सातवीं विशेषता जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick Decision) :
कम्प्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण पूर्व में दिए गए निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता से करता है।
कम्प्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण पूर्व में दिए गए निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता से करता है।
-
कंप्यूटर की आठंवी विशेषता विविधता (Versatility) :
कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग-2
तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग-2
तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
-
कंप्यूटर की नवीं विशेषता पुनरावृति (Repetition) :
कम्प्यूटर आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार विश्वसनीयता और तीव्रता से कराये जा सकते हैं।
कम्प्यूटर आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार विश्वसनीयता और तीव्रता से कराये जा सकते हैं।
-
कंप्यूटर की दसवीं विशेषता स्फूर्ति (Agility) :
कम्प्यूटर को एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है
और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।
कम्प्यूटर को एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है
और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।
और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।
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कंप्यूटर की ग्यारहवीं विशेषता गोपनीयता (Secrecy) :
पासवर्ड के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे
डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
पासवर्ड के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे
डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।
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कंप्यूटर की बारहवीं विशेषता कार्य की एकरूपता (Uniformity of work) :
बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
Computer Classification Based on Work Method
1. कार्य पद्धति आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण (Computer classification
based on work method)
based on work method)
कार्य पद्धति आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया गया है इसमें 1- एनालॉग कंप्यूटर (Analog
Computer), 2- डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer), 3- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) इन
तीनों की अपनी अपनी विशेषतायें हैं तो आइये जानते हैं क्या होता है डिजिटल, एनालॉग और हाइब्रिड कंप्यूटर
, कार्य पद्धति आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण (Computer classification based on work method)
कार्य पद्धति आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया गया है इसमें 1- एनालॉग कंप्यूटर (Analog
Computer), 2- डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer), 3- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) इन
तीनों की अपनी अपनी विशेषतायें हैं तो आइये जानते हैं क्या होता है डिजिटल, एनालॉग और हाइब्रिड कंप्यूटर
, कार्य पद्धति आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण (Computer classification based on work method)
- एनालॉग कंप्यूटर क्या है (What is analog computer)
इस श्रेणी में वे कंप्यूटर आते है जिनका प्रयोग भौतिक इकाइयों दाब, तापमान, लंबाई, गति आदि को मापने
में किया जाता है, चलिये थोडा और समझते हैं, बात करते हैं मौसम विज्ञान की आपको हवा का दबाब,
वातावरण मेें नमी या बारिश कितनी हुई या आज का सबसे कम या सबसे ज्यादा तापमान कितना था
इन सब के आंकडें इकठ्ठा करने के लिये एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) बनाये गये हैं वर्षामापी
(रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं, 2 आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) -
इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती है, एनिमोमीटर - इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता
है, यानि यह सब एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) भौतिक आंकडों को इकठ्ठा करते हैं
इस श्रेणी में वे कंप्यूटर आते है जिनका प्रयोग भौतिक इकाइयों दाब, तापमान, लंबाई, गति आदि को मापने
में किया जाता है, चलिये थोडा और समझते हैं, बात करते हैं मौसम विज्ञान की आपको हवा का दबाब,
वातावरण मेें नमी या बारिश कितनी हुई या आज का सबसे कम या सबसे ज्यादा तापमान कितना था
इन सब के आंकडें इकठ्ठा करने के लिये एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) बनाये गये हैं वर्षामापी
(रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं, 2 आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) -
इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती है, एनिमोमीटर - इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता
है, यानि यह सब एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) भौतिक आंकडों को इकठ्ठा करते हैं
- डिजिटल कंप्यूटर क्या है (What is Digital Computer)
डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer) वह कंप्यूटर होते हैं जिन्हें आप आमतौर पर प्रयोग करते हैं अपने
घरों में, कार्यालयों में, जिसमें डिजिटल तरीके से डाटा को फीड किया जाता है और आउटपुट प्राप्त किया
जाता है अधिकतक डिजिटल कंप्यूटर ही प्रयोग में आते हैं और बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध रहते हैं
डिजिटल कंप्यूटर डाटा और प्रोग्राम को 0 और 1 में परिवर्तित करके उसको इलेक्ट्रॉनिक रूप में ले जाते है।
डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer) वह कंप्यूटर होते हैं जिन्हें आप आमतौर पर प्रयोग करते हैं अपने
घरों में, कार्यालयों में, जिसमें डिजिटल तरीके से डाटा को फीड किया जाता है और आउटपुट प्राप्त किया
जाता है अधिकतक डिजिटल कंप्यूटर ही प्रयोग में आते हैं और बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध रहते हैं
डिजिटल कंप्यूटर डाटा और प्रोग्राम को 0 और 1 में परिवर्तित करके उसको इलेक्ट्रॉनिक रूप में ले जाते है।
- हाइब्रिड कम्प्यूटर क्या है (What is Hybrid Computer)
हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) में एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) और डिज़िटल
कम्प्यूटर (Digital Computer) दोनों के ही गुण होते है। ये कंप्यूटर एनालाॅॅॅग और डिजिटल से अधिक
भरोसेमंद माने जाते हैं इनका काम होता है एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) से प्राप्त आंकडों
को डिज़िटल रूप में उपलब्ध कराना, चिकित्सा, मौसम विज्ञान में इनका सबसे ज्यादा प्रयोग होता है
हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) में एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) और डिज़िटल
कम्प्यूटर (Digital Computer) दोनों के ही गुण होते है। ये कंप्यूटर एनालाॅॅॅग और डिजिटल से अधिक
भरोसेमंद माने जाते हैं इनका काम होता है एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) से प्राप्त आंकडों
को डिज़िटल रूप में उपलब्ध कराना, चिकित्सा, मौसम विज्ञान में इनका सबसे ज्यादा प्रयोग होता है
2. आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer based on Size)
कंप्यूटर का अविष्कार जब से हुआ है उसके आकार और कार्य क्षमता में बदलाव होते हैं रहें हैं, कंप्यूटर को
आकार के आधार पर चार श्रेणीयों में बांटा गया है सुपर कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर एव
माइक्रो कंप्यूटर तो आईये जानते हैं आकार के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण (classification of
1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) वह कंप्यूटर होते हैं जिन्हें आराम से डेस्क पर रखा जा सकता है,
छोटे कंप्यूटरों का विकास 1970 में माइक्रो प्रोसेसर के अविष्कार के साथ हुआ, माइक्रो प्रोसेसर आने से
सस्ते और आकार में छोटे कंप्यूटर बनाना संंभव हुआ, इन कंप्यूटर्स को पर्सनल कंप्यूटर (PC) भी
कहते है, माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप, पामटॉप, टैबलेट पीसी
और वर्कस्टेशन आते हैं, इसको चलने के लिये एक सिंगल यूजर की आवश्कता होती है|
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) अाकार और क्ष्ामता में माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) से बडे
होते हैं, सबसे पहला मिनी कंप्यूटर 1965 में तैयार किया था, इसका आकार किसी रेफ्रिजरेटर के बराबर
था, जहां एक ओर पर्सनल कंप्यूटर यानि माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में एक C.P.U. होता है वहीं
मिनी कंप्यूटर्स में एक से अधिक C.P.U. होते है और मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) पर एक साथ
एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते है, इनका उपयोग प्रायः छोटी या मध्यम आकार की कम्पनियाँ करती हैं
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) आकार में बहुत बडें होते हैं, बडी कंपनियों में केन्द्रीय
कम्प्यूटर के रूप में मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) का प्रयोग होता है, एक नेटवर्क में कई
कंप्यूटरो के साथ आपस में जोड़ा जा सकता है इसमें सेकड़ो यूज़र्स एक साथ कार्य कर सकते है, मेनफ्रेम
कम्प्यूटर (Mainframe Computer) में नोड डॉट जेएस (Node.js) एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म का प्रयोग किया
जाता है
4. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
सुपर कंप्यूटर (Super Computer) अन्य सभी श्रेणियों माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer), मिनी कम्प्यूटर
(Mini Computer) और मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) की तुलना में अत्यधिक बड़े, अधिक
संग्रह क्षमता वाले और सबसे अधिक गति वाले होते हैं, इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है,
सुपर कंप्यूटर्स का प्रयोग बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओ में शोध कार्यो में होता है, 1998 में भारत में
सी-डेक द्वारा एक सुपर कंप्यूटर और बनाया गया जिसका नाम था "परम-10000", इसकी गणना क्ष्ामता
1 खरब गणना प्रति सेकण्ड थी अाज भारत का विश्व में सुपर कंप्यूटर के क्षेञ में नाम है
कंप्यूटर का अविष्कार जब से हुआ है उसके आकार और कार्य क्षमता में बदलाव होते हैं रहें हैं, कंप्यूटर को
आकार के आधार पर चार श्रेणीयों में बांटा गया है सुपर कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर एव
माइक्रो कंप्यूटर तो आईये जानते हैं आकार के आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण (classification of
1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) वह कंप्यूटर होते हैं जिन्हें आराम से डेस्क पर रखा जा सकता है,
छोटे कंप्यूटरों का विकास 1970 में माइक्रो प्रोसेसर के अविष्कार के साथ हुआ, माइक्रो प्रोसेसर आने से
सस्ते और आकार में छोटे कंप्यूटर बनाना संंभव हुआ, इन कंप्यूटर्स को पर्सनल कंप्यूटर (PC) भी
कहते है, माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप, पामटॉप, टैबलेट पीसी
और वर्कस्टेशन आते हैं, इसको चलने के लिये एक सिंगल यूजर की आवश्कता होती है|
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) अाकार और क्ष्ामता में माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) से बडे
होते हैं, सबसे पहला मिनी कंप्यूटर 1965 में तैयार किया था, इसका आकार किसी रेफ्रिजरेटर के बराबर
था, जहां एक ओर पर्सनल कंप्यूटर यानि माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) में एक C.P.U. होता है वहीं
मिनी कंप्यूटर्स में एक से अधिक C.P.U. होते है और मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) पर एक साथ
एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते है, इनका उपयोग प्रायः छोटी या मध्यम आकार की कम्पनियाँ करती हैं
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) आकार में बहुत बडें होते हैं, बडी कंपनियों में केन्द्रीय
कम्प्यूटर के रूप में मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) का प्रयोग होता है, एक नेटवर्क में कई
कंप्यूटरो के साथ आपस में जोड़ा जा सकता है इसमें सेकड़ो यूज़र्स एक साथ कार्य कर सकते है, मेनफ्रेम
कम्प्यूटर (Mainframe Computer) में नोड डॉट जेएस (Node.js) एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म का प्रयोग किया
जाता है
4. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
सुपर कंप्यूटर (Super Computer) अन्य सभी श्रेणियों माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer), मिनी कम्प्यूटर
(Mini Computer) और मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) की तुलना में अत्यधिक बड़े, अधिक
संग्रह क्षमता वाले और सबसे अधिक गति वाले होते हैं, इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है,
सुपर कंप्यूटर्स का प्रयोग बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओ में शोध कार्यो में होता है, 1998 में भारत में
सी-डेक द्वारा एक सुपर कंप्यूटर और बनाया गया जिसका नाम था "परम-10000", इसकी गणना क्ष्ामता
1 खरब गणना प्रति सेकण्ड थी अाज भारत का विश्व में सुपर कंप्यूटर के क्षेञ में नाम है



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