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कंप्‍यूटर के कंपोनेंट्स (Computer Components Notes)

1. सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (What Is Central Processing Unit)

सीपीयू यानि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है इसके लिये सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट और अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट दोनों मिलकर अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना करते हैैं और डाटा को प्रोसेस करते हैं CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है आईये जानते हैं सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) क्‍या है -

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है - What Is Central Processing Unit in Hindi

कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture) में सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit)  केेन्‍द्र में रहता है इनपुट यूनिट (Input unit) द्वारा डाटा और निर्देशों को कंप्‍यूटर में एंटर किया जाता है और इसके बाद सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) डाटा को प्रोसेस करता है और आपको आउटपुट देता है, डाटा को प्रोसेेस करनेे में यह अपने दो भागोंं की मदद लेता है अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) और कंट्रोल यूनिट (Control Unit) -

प्रोसेसिंग से पहले प्राइमरी मेमोरी (Primary memory में जो डाटा होता है और जो निर्देश होते हैं वह अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट में ट्रांसफर हो जाते हैं और वहां पर उनकी प्रोसेसिंग का कार्य होता है Arithmetic logic unit (ALU) से जो परिणाम मिलते हैं उनको प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर कर दिया जाता है और प्रोसेसिंग समाप्त होने के बाद में प्राइमरी मेमोरी (Primary memory) में जो डाटा बचता है या अंतिम परिणाम बचते हैं वह एक आउटपुट डिवाइस (Output device) के माध्यम से आप तक पहुंचा दिए जाते हैं

इनपुट डिवाइस से डाटा कब लेना है स्टोर यूनिट में डाटा कब डालना है वैल्यू से डाटा को कब लेना है और जब वह डाटा प्रोसेस हो जाए उसको आउटपुट डिवाइस तक कब भेजना है यह सारे काम करता है कंट्रोल यूनिट

अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit )

अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना (Logical calculation) का काम करता है, जैसे जोड़, घटाव, गुणा, भाग और <, >, =, हाँ या ना

कंट्रोल यूनिट (Control Unit)

कंट्रोल यूनिट (Control Unit) कंप्‍यूटर में हो रहे सारे कार्यो नियंत्रित करता है और इनपुट, आउटपुट डिवाइसेज, और अर्थमेटीक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit ) के सारे गतिविधियों के बीच तालमेल बैठाता है।

प्रोसेसर में कोर क्‍या है - What Is Core In Processor

कोर (Core) सीपीयू यानि प्रोसेसर के अंदर लगी एक गणना (computation) करने वाली यूनिट या चिप होती है, एक कोर वाले को Single Core Processor कहते हैं प्रोसेसर की शक्ति गीगाहर्टज (GHz) पर निर्भर करती है, यानि जो प्रोससेर जितने ज्‍यादा गीगाहर्टज (GHz) का होगा उतनी ही तेजी से गणना करेगा। अब फिर सेे बात करते हैंं कोर की डुअल-कोर, क्वाड-कोर, ऑक्टा-कोर क्‍या हैं ?

Single Core Processor ज्‍यादा बोझ पडते ही हैंग होने लगता था, इसलिये इसकी क्षमता बढाने के लिये प्रोसेसर में अतिरिक्‍त कोर (Core) लगाये जाते हैं, इनकी संख्‍या के आधार पर ही प्रोसेसर के नाम पडें आईये जानते हैं - 
  1. दो कोर मतलब -  Dual Core Processor 
  2. चार कोर मतलब - Quad Core Processor 
  3. छह कोर मतलब - Hexa Core Processor 
  4. आठ कोर मतलब - Octo Core Processor 
  5. दस कोर मतलब - Deca Core Processor

2. इनपुट डिवाइस (Input Device)

नपुट डिवाइस : इनपुट डिवाइस (Input Device) वह डिवाइस होता हैं जिनसे कंप्यूटर में डेटा (Data) और कमांड (Command) स्‍टोर या एंटर कराया जा सकता है इनपुट डिवाइस मेन मेमोरी (Main Memory) में स्टोर किए गए डेटा और निर्देशों को बायनरी (Binary) में परिवर्तित (Convert) कर देता है आईये हम जानते है  कुछ इनपुट डिवाइस (Input Device) के बारे में  : -

इनपुट डिवाइस (Input Device)

आपका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले इनपुट डिवाइस (Input Device) कीबोर्ड (Keyboard) होता है जिसकी मदद से आप कंप्यूटर पर बड़े आसानी से टाइप (Type) कर पाते हैं और डाटा को कंप्यूटर के ट्रान्सफर करते है|

इनपुट डिवाइस का काफी विकास हो चुका है जिनमें डाटा को टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती है इस प्रकार की कुछ डिवाइसेस आपका माउस (Mouse), लाइट पेन (Light Pen), ग्राफिक टैबलेट Graphic Tablet), जॉय स्टिक (Joy Stick), ट्रैकबॉल (Track Ball) और टच स्क्रीन (Touch Screen) है यह सभी डिवाइस इस यूजर को मॉनिटर स्क्रीन (Monitor Screen) पर आवश्यक चीजों को सिर्फ पाइंट करके सेलेक्ट करने की स्वतंत्रता प्रदान करती हैं इसलिए इन इनपुट डिवाइस को Pointing device भी कहा जाता है |

आजकल तो इनपुट डिवाइस का काफी ऊचे लेवल पर इस्तेमाल हो रहा है यहां तक कि आपको टाइप करने की आवश्यकता नहीं है केवल बोलने से वॉइस इनपुट रिकग्निशन टेक्नोलॉजी की सहायता से हमारा डाटा टाइप कर सकते हैं यह वह हार्डवेयर डिवाइस होता है जिससे हमें कम्प्यूटर में कोई  भी डाटा या कमाण्‍ड बहुत ही आसानी से इनपुट करा सकते हैं।

  • माऊस
  • की-बोर्ड
  • स्केनर
  • डी.वी.डी. ड्राइव 
  • पेन ड्राइव 
  • कार्ड-रीडर 
  • माइक्रोफोन 

3. आउटपुट डिवाइस (Output Device)

आउटपुट डिवाइस (Output Device) :- आपके द्वारा कंप्यूटर पर दी गयी आदेश के आधार पर प्रोसेस (Process) की गयी जानकारी (Information) का आउटपुट (Output) कंप्‍यूटर (Computer) के द्वारा हमको मिलता है जो आपको आउटपुट डिवाइस (Output Device) या आउटपुट यूनिट (Output Unit) द्वारा प्राप्‍त होता है आउट डिवाइस हमारा हार्डवेयर होता है आउटपुट डिवाइस सबसे बेहतर उदाहरण आपका कंप्‍यूटर मॉनिटर और प्रिंटर है यह आउटपुट डिवाइस कहलाता है - 

आउटपुट डिवाइस (Output Device)

  • मोनीटर (Monitor)
  • स्पीकर (Speaker)
  • प्रिन्टर (Printer)
  • प्रोजेक्टर (Projector)
  • हेडफोन (Headphone)

मोनीटर (Monitor) : एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो हमारे द्वारा कंप्यूटर पर दिए गए सरे सूचना के आदेश को हमको कंप्यूटर के मोबिटर स्क्रीन पर दिखलाता है |

स्पीकर (Speaker) : यह भी हमारे कंप्यूटर का एक तरह का आउटपुट डिवाइस (Output Device) होता है जो कंप्यूटर में दिए गए जानकारी या डाटा को स्पीकर के माध्यम से सुन सकते है |

प्रिन्टर (Printer) : प्रिंटर कंप्यूटर का एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) को हार्ड कॉपी (Hard Copy) में परिवर्तित (Convert) करता हैं |

    प्रोजेक्टर (Projector) : ये भी एक तरह का कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जिसके माध्यम से हम कंप्यूटर में डाटा को बड़े स्क्रीन पर देख सकते है |
    हेडफोन (Headphone) : कंप्यूटर का एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) होता है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर में किसी भी म्यूजिक और विडियो को सुन सकते है |

    4. कंप्यूटर मेमोरी क्या है - (What is Computer Memory)

    कंप्यूटर मेमोरी क्या है - (What is Computer Memory)

    कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) कंप्‍यूटर की संरचना के अनुसार कंप्यूटर का वह भाग है यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को स्‍टोर करती है, मेमोरी (Memory) कम्प्यूटर का बुनियादी घटक है आईये जानते हैं कंप्यूटर मेमोरी क्या है - What is Computer Memory

    कंप्यूटर मेमोरी क्या है - What is Computer Memory in Hindi
    वैसे तो CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है, लेकिन जहां मनुष्‍य का मस्तिष्‍क बहुत सारे काम करने के साथ-साथ हमारी यादों को भी सुरक्षित रखने का काम करता है वहीं सीपीयू (CPU) केवल अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना कर इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है, प्रोसेस डाटा को सुरक्षित नहीं रख सकता है, अब उस प्रोसेस डाटा को कहीं सुरि‍क्षित भी रखना होता है, तो इस कार्य जिम्‍मा कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) के पास होता है, कंप्यूटर मेमोरी को बहुत सारे छोटे भागों में बाँटा गया है, जिन्हें हम सेल कहते हैं। प्रत्येक सेल का यूनिक एड्रेस या पाथ होता है। आप जब भी कोई फाइल कंप्‍यूटर में सुरक्षित या सेव करते हैं तो वह एक सेल में सेव होती है-


    कंप्यूटर मेमोरी दो प्रकार की होती है - 

    1. परिवर्तनशील -(Volatile) इसे प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) के नाम से भी जाना जाता है, इसे मुख्य मेमोरी भी कहते हैं, यह सीधे सीपीयू के सम्‍पर्क में रहती है तथा इसके डेटा और निर्देश का CPU द्वारा तीव्र तथा प्रत्यक्ष उपयोग होता है, इसे परिवर्तनशील - (Volatile) मेमोरी इसलिये कहा जाता है क्‍योंकि यह मेमोरी डेटा को परमानेंटली स्‍टोर नहीं कर सकती है उदाहरण - रैम 
    2. अपरिवर्तनशील - (Non-volatile) - इसे सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) के नाम से जाना जाता है इसका प्रयोग को ज्‍यादा मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से स्‍टोर करने के किया जाता है इसलिये द्वितीय सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) को स्टोरेज बताया गया है ना कि मेमोरी उदाहरण - हार्डडिस्‍क 

    स्‍पेस के आधार पर कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) चार प्रकार की होती है - 

    1. रजिस्टर मेमोरी (Register Memory)
    2. कैश मेमोरी (Cache Memory)
    3. प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory)
    4. सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory)

    कंप्‍यूटर मेमोरी की इकाई या यूनिट - Computer Memory Units

    जिस प्रकार समय मापने के लिये सैकेण्‍ड, आवाज को नापने के लिये डेसीबल, दूरी को नापने के लिये मि0मि और वजन को नापने के लिये ग्राम जैसे मात्रक हैं, इसी प्रकार कम्‍प्‍यूटर की दुनिया में स्‍टोरेज क्षमता का नापने के लिये भी मात्रकों का निर्धारण किया गया है, इसे कंप्‍यूटर मेमोरी की इकाई या यूनिट कहते हैं -

    कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) की सबसे छोटी इकाई होती है बिट (bit) एक बिट बाइनरी संकेत अर्थात 0 और 1 में से केवल एक युग्म मूल्य (binary value) होता है और जब चार बिट को मिला दिया जाता है तो उसे निब्‍बल (Nibble) कहते हैं यानी 1 निब्‍बल = 4 बिट बाइट (Byte) 8‍ बिट के एक समूह को बाइट कहते हैं।

    सामान्‍यत एक जब आप एक अंक या अक्षर अपने कम्‍प्‍यूटर में टाइप करते हैं तो उसको एक बाइट से व्‍यक्‍त किया जाता है या सीधे शब्‍दों में कहें तो वह एक बाइट के बराबर जगह घेरता है। यानी 1 बाइट = 8 बिट = 2 निब्‍बल इस प्रकार लगभग 11099511627776 बाटइ के समूह को टैराबाइट कहा जाता है और एक टैराबाईट में लगभग 20 लाख MP3 को स्‍टोर किया जा सकता है।
    • 1 बिट (bit) = 0, 1 
    • 4 बिट (bit) =  1 निब्‍बल 
    • 8‍ बिट = 1 बाइट्स (Byte)
    • 1000 बाइट्स (Byte) = एक किलोबाइट (KB)
    • 1024 किलोबाइट (KB) = एक मेगाबाइट (MB)
    • 1024 मेगाबाइट (MB) = एक गीगाबाइट (GB)
    • 1024 गीगाबाइट (GB) = एक टेराबाइट (TB)
    • 1024 टेराबाइट (TB) = एक पेंटाइट (PB)
    • 1024 पेडाबाइट (PB) = एक एक्साबाइट (EB)
    • 1024 एक्साबाइट (EB) = एक ज़ेटबाइट (ZB)
    • 1024 ज़ेटाबाइट (ZB) = एक ज़ेटबाइट (YB) 

    5. माउस क्या है - What is Mouse

    माउस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - Important information about the mouse

    जरा सोच कर देखिये कि अचानक आपके कम्‍प्‍यूटर का माउस खराब जाये तो आप कितने परेशान हो जायेगें, तुरंत बाजार जायेगें, और कम्‍प्‍यूटर की दुकान से अपनी पसंद का माउस खरीद लायगें, क्‍योंकि आज के समय में बिना माउस के कम्‍प्‍यूटर की कल्‍पना ही नहीं की जा सकती है|

    माउस का आविष्कार किसने किया - Computer mouse Inventor

    माउस का अविष्‍कार 1960 में डग एंजेलबर्ट के द्वारा किया गया था और आपको जानकार आश्‍चर्य होगा कि पहला माउस लकडी का बना हुआ था, जिसमें धातु के दो पहिये लगे हुए थे। यह उस समय की बात है जब कम्‍प्‍यूटर की प्रथम पीढी चल रही थी और कम्‍प्‍यूटर का आकार किसी कमरे के बराबर होता था।

    माउस क्या है - What is Mouse

    'माउस' एक हार्डवेयर है और कंप्‍यूटर में इस्‍तेमाल होने वाला इनपुट डिवाइस है, इसे पॉइंटर डिवाइस (pointing device) माउस की सहायता से आप कंप्‍यूटर में दिखाई देने वाले तीर के आयकन जिसे कर्सर करते हैं को मूव कर सकते हैं तथा कंप्‍यूटर में दिखाई देेेेने वाले किसी भी बटन या मेेन्‍यू पर आसानी से क्लिक कर सकते हैं, एक साधारण माउस में दो बटन होते हैं जिसे Left Click और Right Click के नाम से जाना जाता है इन बटनों के प्रयोग को जरूरत के हिसाब से एक दूसरे से बदला भी जा सकता है

    माउस की आवश्यकता क्यों है 

    पुराने समय के कंप्‍यूटर के ऑपरेटिंग सिस्‍टम हाेते थे वह CUI यानि Character User Interface पर आधारित होते थे जैसे MS DOC जिसमें केवल कीबोर्ड से ही काम चल जाया करता था लेकिन जब से ग्राफिकल यूज़र इन्टरफेस (GUI) पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्‍टम जैसे विंडोज 95, विडोंज 98 आने लगे तब से कीबोर्ड से काम करना मुश्किल हो गया और जरूरत पडी ऐसे उपकरण की जिसकी सहायता से स्‍क्रीन पर कहीं भी काम किया जा सकते हैं

    माउस किस प्रकार काम करता हैं

    Mouse कंप्‍यूटर स्‍क्रीन को DPI या पिक्‍सल में बांट देता है अगर आप बाजार से माउस खरीद कर लायें तो उसके डब्‍बे पर उसकी DPI लिखी रहती है DPI की फुलफार्म है डॉट पर इंंच, यानि एक वर्ग इंच में कुछ डॉट की संंख्‍या, अब ये डीपीआई जितने ज्‍यादा होगें आप उनते ज्‍यादा बेहतर ग्राफिक्‍स तैयार कर पायेगें लेकिन साधारण काम के लिये कम DPI से भी काम चल जाता है 

    माउस कितने प्रकार के होते है - Type Of Computer Mouse 

    मैकेनिकल माउस (Mechanical mouse) -

    माउस का सबसे पुराना रूप है , इस माउस में रबर बॅाल लगी होती थी और जब इसे पैड पर घुमाया जाता था तो यह रबर बॉल अंदर लगी चकरी का घुमाती थी, जिससे सिग्‍लन कंप्यूटर को भेजे जाते थे लेकिन यह माउस ज्‍यादा सफल नहीं हुआ कारण था कि जो रबर बॉल भी वह अटक जाती थी और इतना अच्‍छा काम नहीं करती थी 

    ऑप्‍टो मैकेनिकल माउस (Optomechanical Mouse)-


    ऑप्‍टो मैकेनिकल माउस को मैकेनिकल माउस से बेहतर बनाया गया इसमें मैकेनिकल सेंसर के स्थान पर ऑप्टिकल सेंसर लगाया गया, ऑप्‍टो मैकेनिकल माउस में LED (Light Emitting Diode) और फोटो डिटेक्टर मिलकर माउस द्वारा तय दुरी का अनुमान लगाकर ठीक प्रकार से काम करते थे लेकिन इस मॉडल में भी कुछ खामियां थी

    ऑप्टिकल माउस (Optical mouse) -

    फाइनली आया एक अत्याधुनिक उपकरण ऑप्टिकल माउस (Optical mouse) जिसे वर्तमान में इस्‍तेमाल किया जा रहा है, इसमें LED (Light Emitting Diode) का प्रयोग माउस द्वारा तय की गई दुरी को डिटेक्ट करने के लिय किया जाता है इसमें कोई घुमने वाला पुर्जा नही होता

    वायरलेस माउस (Wireless mouse) -

    वायरलैस माउस भी एक ऑप्टिकल माउस (Optical mouse) ही है लेकिन इसमें तार नहीं होता है बल्कि माउस को पावर देने के लिये एक बैटरी होती है और कंप्‍यूटर मेें एक Radio frequency (RF) रिसीवर लगाया जाता है

    6. की-बोर्ड - Keyboard

    कीबोर्ड के बारे मेें जानकारी - Important information about the Keyboard

    की-बोर्ड क्‍या है :- What is Keyboard

    की-बोर्ड टाइपराटर जैसा उपकरण होता है जिसमें कम्प्यूटर में सूचनाए दर्ज करने के लिए बटन दिये गये होते हैं इस पर जो बटन होते हैं उन्‍हें हम की (key) कहते है ।

    कीबोर्ड का अविष्कार किसने किया ?

    क्रिस्टोफर लैथम शोलेज (Christopher Latham Sholes) एक अमेरिकी आविष्कारक जिन्होंने पहले व्यावहारिक टाइपराइटर और QWERTY कुंजीपटल का आविष्कार किया था जो आज भी प्रयोग में है। 

    कीबोर्ड किस प्रकार की डिवाइस है

    कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस (Input Device) है

    कीबोर्ड के प्रकार -  Types of Computer Keyboard

    डिजायन के अनुसार 

    1. वायर्ड या तार वाले कीबोर्ड - वायर्ड या तार वाले कीबोर्ड कीबार्ड दो प्रकार के आते हैैं इसमें पहला है PS/2 कीबोर्ड और दूसरा है USB कीबोर्ड यह एक तार द्वारा कंप्‍यूटर से जोडें जाते हैं 
    2. वायरलेस या बिना तार वाला कीबोर्ड - यह कीबोर्ड वायर्ड कीबोर्ड की तुलना में महगे हाेते हैं और इन्‍हें प्रयोग करने के लिये बैट्री या सेल का प्रयोग किया जाता है कंप्‍यूटर से कनेक्‍ट करने के लिये है इनके साथ एक USB रिसीवर आता जो एक रेडियो फ्रीक्वेंसी (Radio Frequency) Receiver होता है जो कीबोर्ड से प्राप्‍त सिंग्‍नल को कंप्‍यूटर तक भेजता है 

    कार्य के अनुसार 

    • टाइपिंग कीबोर्ड - यह साधारण कीबोर्ड होता है जिससे टाइपिंग की जा सकती है
    • मल्टीमीडिया कीबोर्ड - यह वह कीबोर्ड होते हैैं जिसमें टाइपिंग कीज के साथ-साथ मल्टीमीडिया कीज जैसे स्‍पेशल कीज अलग से दी गयी होती हैं जैसे वाल्‍यूम कीज, play pause forwar कुछ मल्टीमीडिया बोर्ड में मल्टीमीडिया कीज के साथ साथ इंटरनेट कीज भी दी गयी होती हैं जैसे होम बटन इत्‍यादि 

    कीबोर्ड को QWERTY कीबोर्ड क्‍यों कहा जाता है

    आधुनिक कीबोर्ड पुराने टाइप राइटर से लिया गया है अगर आप गौर से देखें तो कीबोर्ड के अक्षर QWERTY से शुरु होते हैं। जब क्रिस्टोफर लैथम शोलेज (Christopher Latham Sholes) ABCD क्रम वाले टाइप राइटर पर काम कर रहे थे उन्‍हाेंने एक खामी का पता चला, चूकिं टाइपराइटर में बटन एक धातु की छड के सहारे दबाये जाते हैं और जब बटनों सीधा क्रम में लगाया गया यानि ABCDEF फॉर्मेट में तो वह तो बटन जाम हो रहे थे और एक के बाद एक होने की वजह से दबाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था  जिसकी वजह से जल्दी टाइप करना नामुमकिन था और उस समय टाइपराइटर में बैकस्पेस का बटन नहीं था। यही वजह है कि आपके कीबोर्ड में QWERTY शब्दों का इस्तामाल किया गया ताकि टाइप करने में आसानी रहे।

    कीबोर्ड की जानकारी - information about the keyboard

    कीबोर्ड में कितनी कीज होती है 

    आजकल कीबोर्ड हर कोई अपने हिसाब से डिजायन कर रहा है लेकिन अगर देखा जाये तो एक साधारण कीबोर्ड में 104 कीज होती है, लेकिन स्‍पेशल कीज ने इनकी संंख्‍या को बढा दिया है

    कंप्यूटर कीबोर्ड में कितने प्रकार की “कीज” होती है

    कंप्यूटर कीबोर्ड में निम्न प्रकार की “कीज” होती है - 
    1. टाइपराइटर कीज - (Typewriters Key) 
    2. फंक्शन कीज - (Function Keys)
    3. कर्सर कंट्रोल कीज - (Cursor control keys)
    4. मोडीफायर की - (Modifier key)
    5. टॉगल की  - (Toggle keys)
    6. स्‍पेशल कीज (Special Keys)

    टाइपराइटर कीज:- Typewriters

    ये की बोर्ड का मुख्‍य हिस्‍सा होता है, यह मुख्‍यत टाइपिंग सम्‍बन्‍धी कार्य को करने में काम आता है, इन्‍हीं की से हम किसी भी भाषा में टाइप कर सकते हैं, इसके लिये सिर्फ हमको कम्‍प्‍यूटर में फान्‍ट बदलना होगा, इसमें इनमें अक्षर, विराम चिह्न, और प्रतीक कीज भी शामिल हैं, की-बोर्ड की दार्इ ओर न्यूमेरिक की-पैड होता है जिसमें कैलुक्यूलेटर के समान कीज होती है। इनसे से कुछ कीज दो काम करती हैं। न्यूमेरिक कीज के दोनो कार्यो को आपस में बदलने के लिए नम लोक की का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए-संख्या 7 युक्त की, होम की के रूप में केवल तभी काम करती है। जब नम लोक की आफ होती है। जब नम लोक की आन होती है। तो 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 चिनिहत कीज, न्यूमेरिक कीज के रूप में काम करती है। इनमें से किसी को भी दबाने पर स्क्रीन पर एक संख्या दिखार्इ देता है।

    फंक्शन कीज :- Function Keys

    टाइपराइटर की के सबसे ऊपरी भाग में एक लाइन में एफ-1 से लेकर एफ-12 संख्या तक रहती है। किसी भी साफ्टवेयर पर काम करते समय इनका प्रयोग उसी साफ्टवेयर में दी गयी सूची के अनुसार अलग अलग तरीके से किया जाता है

    कर्सर कंट्रोल कीज :-  Cursor control keys

    इन कीज से कम्‍प्‍यूटर के क्रर्सर को नियंत्रित किया जाता है, इससे आप कर्सर को अप, डाउन, लेफ्ट, राइट आसानी से ले जाया जा सकता है, यह की बोर्ड पर ऐरो के निशान से प्रर्दशित रहती है। की-बोर्ड पर ऐरो कीज के ठीक ऊपर कुछ और कर्सर कन्ट्रोल कीज भी मौजूद रहती है। ये इस प्रकार है-
    • एंटर  :- Enter keys एंटर की को रिर्टन की भी कहा जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से दो कार्यो के लिए किया जाता है। पहला यह पीसी को सूचना देता है कि आपने निर्देश देने का काम छोड दिया है। अत: वहा दिए गए निर्देशों को प्रोसेस या एक्जीक्यूट करें। दूसरा माइक्रोसाफ्ट वर्ड प्रोग्राम का प्रयोग करते समय एन्टर की दबाने पर नया पैराग्राफ या पंकित शुरू हो जाती है।
    • टैब की :- Tab यह कर्सर को एक पूर्वनिर्धारित स्थान पर आगे ले जाती है। इसके द्वारा आप पैराग्राफ शुरू कर सकते है तथा कालम, टैक्स्ट या संख्याओं को एक सीध में लिख सकते है। कुछ साफ्टवेयरों में यह मेन्यू में एक विकल्प से दूसरे विकल्प पर जाने में मदद करती है।
    • डिलीट की :- Delete - कर्सर की दार्इ ओर लिखे कैरेक्टर या स्पेस को आप इसको दबाकर मिटा सकते है।
    • बैकस्पेस की :- Back Space - इसे दबाकर आप कर्सर के बार्इ और लिखे अक्षर को मिटा सकते है। ऐसा करने पर कर्सर अन्त में टाइप किए गए अक्षर को मिटाने हुए बार्इ ओर लौटता है।
    • पेज अप कीज :- Page Up keys - इनका प्रयोग डाक्यूमेंट के पिछले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।
    • पेज डाउन कीज:- Page Down keys - इनका प्रयोग अगले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।
    • होम की:- Home Key - इसका प्रयोग कर्सर लाइन के शुरू में लाने के लिए होता है।
    • एंड की:- End Key - यह की कर्सर को लाइन के अंत में ले जाती है।

    मोडीफायर की - Modifier key

    शिफ्ट कीज :- Shift Keys - इसको दबाकर यदि आप कोर्इ अक्षर की दबाए तो वह अपर केस अक्षर में ही टाइप होगी। यदि कैप्स लाक आन की सिथति में हो तो यह कि्रया उलट जाएगी। जब एक की पर दो चिन्ह या कैरेक्टर बने हों तब शिप्ट की दबाने से ऊपरी चिन्ह स्क्रीन पर दिखार्इ देगा।
    कंट्रोल एंव आल्ट कीज :- Ctrl and Alt keys-  कंट्रोल एंव आल्ट कीज का प्रयोग अकसर कोर्इ विशेष काम करने के लिए अन्य की के साथ संयुक्त् रूप में किया जाता है। जैसे- कंट्रोल और सी को एक आप डोस प्राम्प्ट पर लौट आते है। कंट्रोल आल्ट और डिलीट कीज को एक साथ क्रमवार दबाने से मशीन स्वयं ही दोबारा शुरू हो जाती है।

    टॉगल की  - Toggle keys

    कंप्यूटर का वह कुंजी जिससे एक से अधिक फंक्शन को प्रयोग करते हैं उसको टॉगल कुंजी (की) कहते हैं, जैसे कैप्स लॉक (CAPS LOCK), नम लॉक (Num Lock) , स्क्रॉल लॉक (Scroll Lock) और इन्सर्ट(Insert) कीज उदाहरण के लिए अगर कैप्स लॉक ऑन है तो जब आप टाइप करेंगे तो लेटर अपर केस में टाइप होता हैं और जब कैप्स लॉक ऑफ हो तो लोअर केस में

    स्‍पेशल कीज (Special Keys)

    टाइपिंग कीज के साथ-साथ कुछ अलग काम करने के लिये कीज दी गयी होती हैं इन्‍हें स्‍पेशल कीज कहते हैैं मल्टीमीडिया कीज जैसे स्‍पेशल कीज अलग से दी गयी होती हैं प्रिंट स्‍क्रीन कीज, विंडोज कीज

    7. मॉनिटर क्या है - What is Monitor

    मॉनिटर (Monitor) एक प्रकार की आउटपुट डिवाइस है मॉनिटर (Monitor) को विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है, देखने में आपके टीवी की तरह होता है, लेकिन कंप्‍यूटर के लिये बहुत महत्‍वपूर्ण और जरूरी होता है इसके बिना आप कंम्‍यूटर पर काम ही नहीं कर पायेगें आईये जानते हैं मॉनिटर क्या होता है और मॉनिटर कितने प्रकार के होते है What is Monitor & Type of Monitors. 

    मॉनिटर क्या है - What is Monitor in Hindi 

    मॉनिटर कितने प्रकार के होते है - तीन प्रकार के 
    1. CRT Monitor
    2. LCD (Liquid Crystal Display)
    3. LED (Light Emitting Diode)

    कंप्यूटर मॉनिटर एक ऐसी डिवाइस है जो आपके कंप्यूटर के साथ अगर अटैच ना की गई हो तो आप कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं क्योंकि आपको वहां पर कुछ दिखा ही नहीं दिखाई नहीं देगा LCD (Liquid Crystal Display) कंप्यूटर मॉनिटर का जो डिस्प्ले होता है वह बहुत पतला होता है और यह पतले फिल्म ट्रांजिस्टर लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले का बना होता है Liquid Crystal Display को LCD के नाम से भी जाना जाता हैं यह Digital Technology हैं जो एक Flat सतह पर तरल क्रिस्टल के माध्यम से आकृति बनाता हैं यह कम जगह लेता है यह कम बिजली की खपत करता है
    CRT Monitor
    जबकि जो पुराने मॉनिटर होते थे वह कैथोड रे ट्यूब (Cathode Ray Tube) के बने होते थे इनकी गहराई लगभग स्क्रीन के साइज के बराबर ही होती थी और यह बिजली भी बहुत खर्च करते थे अधिकतर मॉनीटर में Picture tube होता है जो देखने में बिलकुल टीवी की तरह होता है यह Picture tube सी.आर.टी. कहलाती है CRT बहुत सस्‍ती तकनीक है

    CRT मोनीटर में एक Electron gun होता है जो की Electrons की Beam और Cathode Rays को उत्सर्जित करती है ये Electron beam, Electronic grid से पास की जाती है ताकि electron की Speed को कम किया जा सके CRT Monitor की Screen पर फास्फोरस की Coding की जाती है इसलिए जैसे ही electronic beam Screen से टकराती है तो Pixel चमकने लगते हैं और मोनीटरScreen पर डिस्‍पले दिखाई देने लगता है

    LED (Light Emitting Diode)

    वर्तमान समय में LCD (Liquid Crystal Display) के स्‍थान पर LED (Light Emitting Diode) का इस्‍तेमाल किया जा रहा है यह देखने में बिलकुल LCD Monitor की तरह ही लगते हैं लेकिन LED 1.5 watts की पावर इस्‍तेमाल करती है और ऑखों पर बहुत कम जोर डालती है LED Monitor LCD की तुलना में अधिक समय तक काम करते हैं LED को लाइट एमिटिंग डायोड भी कहा जाता है यह एक सेमीकंडक्टर डिवाइस होता है जो लाइट को एमिटिंग या उत्‍सर्जित करता है LED एक बहुत महत्वपूर्ण आविष्कार रहा है इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा मात्रा में लोगों के द्वारा किया जा रहा है

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